बीते गुरुवार को Indigo Flight 6E 6764 गुवाहाटी से चेन्नई जा रही थी। इस फ्लाइट में यात्रियों की अच्छी-खासी संख्या थी। सब कुछ सामान्य चल रहा था लेकिन अचानक स्थिति गंभीर हो गई। चेन्नई एयरपोर्ट पर ट्रैफिक इतना ज्यादा था कि वहां समय पर लैंडिंग नहीं हो सकती थी। तभी पायलट ने तुरंत ‘फ्यूल मेडे’ कॉल कर दी। यानी पायलट ने ये साफ कर दिया कि फ्लाइट में अब इतना ईंधन नहीं बचा कि ज्यादा देर तक हवा में चक्कर लगाकर इंतजार किया जा सके। इसके बाद विमान को आपात स्थिति में बेंगलुरु डायवर्ट किया गया और शाम 8:15 बजे सुरक्षित लैंडिंग करवाई गई।
क्या होता है ‘फ्यूल मेडे’ कॉल?
‘फ्यूल मेडे’ कॉल कोई आम शब्द नहीं होता बल्कि यह अंतरराष्ट्रीय एविएशन कम्युनिकेशन सिस्टम का एक अहम हिस्सा है। जब किसी फ्लाइट में ईंधन की मात्रा खतरनाक स्तर से नीचे चली जाती है और पायलट को लगता है कि अगर तुरंत लैंडिंग नहीं कराई गई तो हादसा हो सकता है तब वह ‘फ्यूल मेडे’ कॉल देता है। यह कॉल दुनिया के हर एयर ट्रैफिक कंट्रोल को तुरंत चौकन्ना कर देती है और उस विमान को प्राथमिकता दी जाती है। यानी उसी वक्त उसकी लैंडिंग के लिए सबसे सुरक्षित और जल्दी व्यवस्था की जाती है।
‘मेडे’ शब्द कहां से आया?
‘Mayday’ शब्द फ्रेंच भाषा के “m’aider” से आया है जिसका मतलब होता है ‘मदद करें’। इस शब्द का उपयोग सबसे पहले समुद्री जहाजों में किया जाता था जब वे खतरे में होते थे। बाद में विमानन क्षेत्र में भी इसका इस्तेमाल शुरू हुआ। जब कोई पायलट ‘Mayday’ कहता है तो इसका मतलब होता है कि अब स्थिति नियंत्रण से बाहर हो चुकी है और तुरंत मदद चाहिए। और जब इसके साथ ‘Fuel Mayday’ बोला जाए तो मतलब होता है कि फ्लाइट में ईंधन का संकट है और अब देर नहीं की जा सकती।
An IndiGo flight 6E 6764 travelling from Guwahati to Chennai on Thursday was forced to divert to Bengaluru after the pilot issued a ‘fuel mayday’ call due to insufficient fuel. The diversion occurred because of congestion at Chennai airport, which prevented the aircraft from…
— ANI (@ANI) June 21, 2025
अहमदाबाद क्रैश में भी आई थी मेडे कॉल
अहमदाबाद विमान हादसे को अभी 10 दिन भी नहीं बीते हैं और फिर से एक फ्यूल मेडे कॉल ने सबको चिंता में डाल दिया। अहमदाबाद हादसे के समय भी पायलट ने लगातार कई बार ‘मेडे’ कॉल दी थी ताकि उसकी फ्लाइट को लैंडिंग की प्राथमिकता मिल सके। मगर तब विमान सुरक्षित नहीं उतर पाया और बड़ा हादसा हो गया था। ऐसे में इंडिगो फ्लाइट का समय पर सुरक्षित लैंड करना राहत भरी खबर है। इस बार एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने तुरंत स्थिति को समझा और बेंगलुरु में इमरजेंसी लैंडिंग की अनुमति दे दी।
यात्रियों की सुरक्षा बनी पहली प्राथमिकता
फ्लाइट में बैठे यात्रियों को शायद इस बात का अंदाज़ा नहीं रहा होगा कि कितनी गंभीर स्थिति बन चुकी थी। लेकिन पायलट और एटीसी की सतर्कता ने एक और बड़ी घटना को टाल दिया। फ्यूल मेडे कॉल का उद्देश्य ही यही होता है कि विमान और उसमें बैठे लोगों की जान को खतरे से बचाया जाए। अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार जब कोई भी पायलट यह कॉल देता है तो सबसे पहले उसकी मदद की जाती है और बाकी सब फ्लाइट्स को रोक दिया जाता है। इस घटना ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि एयर ट्रैफिक कंट्रोल और पायलट की समझदारी से किसी भी बड़ी घटना को रोका जा सकता है।