कांग्रेस नेता और विपक्ष के वरिष्ठ नेता Rahul Gandhi ने शुक्रवार को अंग्रेजी भाषा को लेकर बीजेपी और आरएसएस पर सीधा हमला किया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा कि बीजेपी और आरएसएस नहीं चाहते कि देश के गरीब बच्चे अंग्रेजी सीखें क्योंकि वो नहीं चाहते कि ये बच्चे सवाल पूछें, आगे बढ़ें और बराबरी पर खड़े हो जाएं। उनका कहना है कि ये सोच गरीबों को पीछे रखने की मानसिकता को दर्शाती है।
अंग्रेजी को बताया शक्ति और आज़ादी का माध्यम
राहुल गांधी ने अंग्रेजी भाषा की ताकत को समझाते हुए लिखा, “अंग्रेजी कोई बांध नहीं है, ये एक पुल है। अंग्रेजी कोई शर्म की बात नहीं, ये शक्ति है। अंग्रेजी कोई बेड़ी नहीं, ये बेड़ियां तोड़ने का औज़ार है।” उन्होंने कहा कि आज के दौर में अंग्रेजी भाषा जितनी जरूरी है, उतनी ही किसी की मातृभाषा भी जरूरी है। उनका कहना था कि ये भाषा न केवल नौकरी के दरवाजे खोलती है बल्कि अच्छे पत्रकार और जागरूक नागरिक बनने में भी मदद करती है।
अंग्रेज़ी बाँध नहीं, पुल है।
अंग्रेज़ी शर्म नहीं, शक्ति है।
अंग्रेज़ी ज़ंजीर नहीं – ज़ंजीरें तोड़ने का औज़ार है।BJP-RSS नहीं चाहते कि भारत का ग़रीब बच्चा अंग्रेज़ी सीखे – क्योंकि वो नहीं चाहते कि आप सवाल पूछें, आगे बढ़ें, बराबरी करें।
आज की दुनिया में, अंग्रेज़ी उतनी ही ज़रूरी… pic.twitter.com/VUjinqD91s
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 20, 2025
राहुल गांधी ने आगे लिखा कि देश के हर बच्चे को अंग्रेजी सीखने का समान मौका मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की हर भाषा में आत्मा है, संस्कृति है और ज्ञान है। इसलिए हमें हर भाषा का सम्मान करना चाहिए लेकिन साथ ही बच्चों को अंग्रेजी सीखने से वंचित नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि यह उन्हें आगे बढ़ने और वैश्विक मंच पर खड़े होने का मौका देता है।
वीडियो के ज़रिए दिखाया बीजेपी-आरएसएस का विरोध
राहुल गांधी ने अपने बयान के साथ एक वीडियो भी पोस्ट किया जिसमें उन्होंने यह दिखाने की कोशिश की कि कैसे बीजेपी और आरएसएस शिक्षा और भाषा के जरिए गरीब बच्चों को सीमित रखना चाहते हैं। उनका आरोप है कि मौजूदा सरकार गरीब और सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को वही शिक्षा और भाषा नहीं देना चाहती जो अमीरों को मिलती है।
राहुल गांधी के इस बयान को देश में चल रही शिक्षा और भाषा को लेकर बहस से जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस लंबे समय से यह कहती आ रही है कि देश के गरीब तबके को भी वैसी ही शिक्षा और अवसर मिलने चाहिए जैसे अमीरों को मिलते हैं। राहुल गांधी के ताजा बयान को भी उसी दिशा में एक सख्त संदेश माना जा रहा है कि कांग्रेस अब शिक्षा के मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई के मूड में है।