Yoga for Lungs: फेफड़े शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं। ये शरीर में ऑक्सीजन लाने और कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसलिए फेफड़ों को स्वस्थ रखना बहुत जरूरी है। योग में अलग-अलग आसन होते हैं और हर आसन का अपना एक खास फायदा होता है। कुछ योगासन ऐसे होते हैं जो फेफड़ों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। आइए जानते हैं कुछ ऐसे आसन जो आपके फेफड़ों की क्षमता को बेहतर बना सकते हैं।
ताड़ासन, जिसे माउंटेन पोज भी कहा जाता है, यह आसन सीने को खोलने में मदद करता है और फेफड़ों को पूरी तरह से फैलने का मौका देता है। यह आसन आपके सांस लेने पर ध्यान केंद्रित करने में भी मदद करता है जो कि श्वसन क्षमता सुधारने का पहला कदम है। इस आसन से शरीर की लंबाई बढ़ती है और आपका खड़ा होना और भी मजबूत हो जाता है।
भुजंगासन, जिसे कोबरा पोज भी कहा जाता है, यह आसन सीने और फेफड़ों को खींचने में मदद करता है। यह आसन वायुमार्ग को साफ करने और श्वसन क्रिया को सुधारने में मदद करता है। यह डायाफ्राम को मजबूत करता है और फेफड़ों की लचीलापन बढ़ाता है जिससे आपको गहरी सांस लेने में मदद मिलती है।
धनुरासन, जिसे बो पोज भी कहा जाता है, यह आसन सीने और कूच को खोलने में मदद करता है जिससे फेफड़े अच्छे से फैलते हैं। इसके अलावा यह पीठ की मांसपेशियों को भी मजबूत करता है और मुद्रा को सुधारता है। इससे श्वास में सुधार होता है और सांस लेने में राहत मिलती है।
उष्ट्रासन, जिसे कैमल पोज भी कहा जाता है, यह आसन फेफड़ों को फैलाने और सीने तथा पसलियों को खोलने में मदद करता है। यह ऑक्सीजन के सेवन को बढ़ाता है और फेफड़ों की लचीलापन को बढ़ावा देता है। यह आसन श्वसन क्रिया को आसान बनाता है और फेफड़ों को और भी स्वस्थ बनाता है।
सेतु बंधासन, जिसे ब्रिज पोज भी कहा जाता है, यह एक बैकबेंड है जो सीने को ऊपर उठाता है और फेफड़ों को मजबूत करता है। यह थायरॉयड और फेफड़ों को उत्तेजित करता है जिससे ऑक्सीजन का प्रवाह और श्वास नियंत्रण में सुधार होता है। इससे शरीर की लचीलापन बढ़ती है और श्वास की क्षमता भी मजबूत होती है।
अर्ध मत्स्येन्द्रासन, जिसे सीटेड स्पाइनल ट्विस्ट भी कहा जाता है, यह आसन सीने में तनाव को दूर करने और पसलियों की गतिशीलता को सुधारने में मदद करता है। इससे गहरी सांस लेने में मदद मिलती है और श्वसन क्रिया को और बेहतर बनाया जा सकता है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम फेफड़ों के कार्य को सुधारता है, ऑक्सीजन के अवशोषण को बढ़ाता है और तंत्रिका तंत्र को शांति प्रदान करता है। यह श्वसन तंत्र को मजबूत बनाता है और शरीर में ताजगी और ऊर्जा का संचार करता है।