पीथमपुर में खनन माफियाओं का खेल: बिना अनुमति चल रहा अवैध उत्खनन और ब्लास्टिंग
विजय गिरवाल | जेबीटी टाइम्स | पीथमपुर
पीथमपुर – एशिया के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र में स्थित खंडवा, जामोदी, खेड़ा और कल्याण-सीखेड़ी पंचायत क्षेत्रों में खनन माफिया खुलेआम अवैध उत्खनन और ब्लास्टिंग कर रहे हैं। क्षेत्र में करीब 12 खदानें रिंग रोड के अंदर स्थित हैं, जहां बिना किसी वैध अनुमति के खनन कार्य जारी है।
खनिज नियमों की अनदेखी करते हुए खदान संचालकों ने अन्य किराए की जमीनों पर क्रशर प्लांट स्थापित कर लिए हैं। इन प्लांट्स की मदद से वे हाईवे की सरकारी अधिग्रहित भूमि से पत्थर निकालकर अवैध रूप से पीसने का कार्य कर रहे हैं।
नियमों की अनदेखी
प्रशासन द्वारा आवंटित भूमि यदि 4 हेक्टेयर है और उसमें से 2 हेक्टेयर भूमि सरकार द्वारा अधिग्रहित की जा चुकी है, तो खदान संचालक को पुनः नवीन स्वीकृति की प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य होता है। लेकिन वर्तमान स्थिति में खदानें बिना अनुमति के चालू हैं, जिससे न केवल प्रशासन को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि पर्यावरण और ग्रामीणों की सुरक्षा पर भी गंभीर खतरा मंडरा रहा है।
प्रदूषण और माइनिंग विभाग की लापरवाही
अल्तमश क्रशर स्टोन, ग्राम खंडवा में बिना माइनिंग परमिशन और एनओसी के ब्लास्टिंग की जा रही है। खसरा नंबर 639 के अंतर्गत संचालित इस खदान की प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति निरस्त हो चुकी है। विभागीय अधिकारी अजय मिश्रा के अनुसार, बिना माइनिंग विभाग की अनुमति के प्रदूषण विभाग भी एनओसी नहीं दे सकता, फिर भी खदान का संचालन जारी है।
वहीं पास में स्थित रोहित अग्रवाल बी आर स्टोन क्रशर द्वारा भी अवैध रूप से पत्थर पिसाई और ब्लास्टिंग का कार्य किया जा रहा है। दोनों खदानों की एनओसी या तो रद्द हो चुकी हैं या प्रक्रिया में लंबित हैं।
ग्रामीणों का विरोध और खतरा
स्थानीय ग्रामीणों और सरपंच ने ब्लास्टिंग का विरोध किया है। उनका आरोप है कि खदानों की ब्लास्टिंग से खेतों की फसलें खराब हो रही हैं और उछलते पत्थरों से जानमाल को खतरा है। कई बार मजदूरों और ग्रामीणों पर पत्थर गिर चुके हैं, हालांकि अब तक कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है।
प्रशासनिक चुप्पी और साठगांठ
खनिज अधिकारी राकेश कनेरिया ने बताया कि खदान संचालकों को अनियमितताओं को लेकर नोटिस जारी किया गया है, जिससे यह स्पष्ट है कि अवैध गतिविधियां चल रही हैं। इसके बावजूद मौके पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे प्रशासन और खनन माफिया के बीच मिलीभगत की आशंका को बल मिलता है।
निष्कर्ष
पीथमपुर में अवैध खनन और ब्लास्टिंग पर तत्काल रोक लगाने की आवश्यकता है। प्रशासन की निष्क्रियता से न केवल सरकारी संपत्ति को नुकसान हो रहा है, बल्कि आम लोगों की जान भी खतरे में है। यह मामला जल्द से जल्द सख्त कार्रवाई की मांग करता है।