16 Mar 2025, Sun

मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के प्रकरणों का शीघ्रता से निराकरण करें – कलेक्टर

मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना के प्रकरणों का शीघ्रता से निराकरण करें – कलेक्टर

सागर 26 दिसम्बर, 2022
कलेक्टर  दीपक आर्य ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों (राजस्व) और तहसीलदारों को निर्देष दिए कि मुख्यमंत्री आवासीय भू अधिकार योजना के तहत दर्ज प्रकरणों का शींध्रता से निराकरण करें। उन्होंने निर्देष दिए कि आगामी 4 जनवरी तक प्रत्येक तहसील में एक-एक हजार पटटे तैयार करे।
कलेक्टर  दीपक आर्य कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में समय-सीमा की बैठक में लंबित प्रकरणों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने इस अवसर पर नगर निगम आयुक्त श्री चन्द्रषेखर शुक्ला और विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। सभी अनुविभागीय अधिकारी, जनपद सीईओ और नगर पालिकाओं तथा नगर परिषदों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी कलेक्टर ने वीडियों कांफ्रेसिंग के माध्यम से जुडे हुए थे।
कलेक्टर ने मुख्यमंत्री आवासीय भू- अधिकार योजना के तहत आवासहीनों को दिए जाने वाले पटटे के संबंध में दर्ज प्रकरणों की तहसील वार समीक्षा की और अधिकारियों से योजना की प्रगति के संबंध में व्यौरा प्राप्त किया। उन्होंने इसी तरह नगरीय क्षेत्रों में धारणाधिकार के अंतर्गत प्रकरणों की अनुविभागीय अधिकारियों से धारणधिकार के प्रकरणों के निराकरण की जानकारी ली। कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को निर्देष दिए कि समय-समय पर सीएम राइज स्कूल का भ्रमण करें। उन्होंने कहा कि एनएचएआई की सडक से अतिक्रमण को हटाया जाए। कलेक्टर ने संबंल योजना 2.0 के क्रियान्वयन की समीक्षा भी की।
कलेक्टर ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना और प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत हितग्राहियों के आवास पूर्ण होने की जनपद और नगर पालिका से जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जियो टेगिंग और तीसरी किस्त के विषय मे भी अधिकारियों को निर्देष दिए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को निर्देष दिए कि जल जीवन मिषन के तहत नल जल योजनाओं  के कार्य शीध्रता से पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि जिन दो स्थानों पर टंकी निमार्ण में विलंब हो रहा था। उनमें राजस्व अधिकारियों के साथ समन्वयकर कार्य शीध्रता से प्रारंभ करें।
कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देष दिए षिषु मत्यु दर और मातृ मत्यु दर में कमी लाने के लिए सभी आवष्यक कदम उठाए जाये। उन्होंने कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास को निर्देष दिए कि पोषण पुनर्वास केन्द्रों में कुपोषित बच्चों का इलाज कराये। जिससे वे सामान्य बच्चों की श्रेणी में आ सके। कलेक्टर ने विभागीय अधिकारियों को निर्देष दिए कि विभागो के ऐसे शासकीय भवन जिनका उपयोग नहीं हो रहा हो और कन्डम घोषित हो गये हो। उसकी जानकारी जिला कार्यालय को दे जिससे उन  भवनों की शासकीय भूमि का अन्य शासकीय भवन बनाने में किया जा सके।

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