राधेश्याम चौधरी स्वयं का व्यवसाय कर अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की मदद से राधेश्याम ने खोला है कृषि केन्द्र
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की मदद से राधेश्याम ने अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ किया है और आज वह अपने इस व्यवसाय से बहुत खुश है। हर माह वह 50 हजार रुपये से अधिक की आय अर्जित कर रहा है और अपने परिवार का पालन-पोषण बहुत अच्छे से कर रहा है।
बालाघाट जिले की वारासिवनी तहसील के ग्राम लालपुर के निवासी 34 वर्षीय युवा राधेश्याम चौधरी ने सरदार पटेल कालेज बालाघाट से बायोटेक विषय के साथ बी.एससी. किया है। इसके बाद उसने रोजगार के लिए प्रयास किया और प्रायवेट कंपनी में एम.आर.(मेडिकल रिप्रजेंटेटिव) का काम करने लगा। लेकिन इसमें उसे संतुष्टि नहीं मिल रही थी। 04 से 05 साल तक एम.आर. का काम करने के बाद उसे लगा कि प्रायवेट कंपनी की जाब करने से अच्छा है कि अपना स्वयं का कोई व्यवसाय प्रारंभ कर ले। इसके बाद उसने एमआर की जाब छोड़ दिया और वर्ष 2019 में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में कृषि केन्द्र खोलने के लिए आवेदन कर दिया। सारे दस्तावेजों के परीक्षण के बाद उसे इस योजना में ऋण स्वीकृत हो गया।
यूनियन बैंक आफ इंडिया वारासिवनी ने राधेश्याम चौधरी को पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 30 प्रतिशत अनुदान पर 04 लाख 80 हजार रुपये का ऋण स्वीकृत कर दिया। इस राशि से राधेश्याम ने रामपायली में कृषि केन्द्र प्रारंभ किया है। इस केन्द्र में किसानों के लिए खाद, बीज, कीटनाशक, उर्वरक, सिंचाई पंप एवं अन्य कृषि उपकरण का विक्रय किया जा रहा है। राधेश्याम के पास सिंचाई के उन्नति एवं सावर पंप की ऐजेंसी भी है और उसका कृषि केन्द्र का व्यवसाय बहुत अच्छा चल रहा है। वह समय पर बैंक ऋण की किश्तें भी अदा कर रहा है।
राधेश्याम ने बताया कि कृषि केन्द्र के व्यवसाय से उसे हर माह 50 हजार रुपये से अधिक की आय हो जाती है। इस आय से उसके परिवार का गुजारा बहुत अच्छी तरह से चल रहा है। बैंक का लगभग 01 लाख 10 हजार रुपये का ऋण बकाया रह गया है। इस ऋण को भी वह शीघ्र अदा कर देगा।
राधेश्याम चौधरी को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ऋण दिलाने में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के निरीक्षक श्री नितिन बंसोड़ का सराहनीय योगदान रहा है। निरीक्षक श्री बंसोड़ ने बताया कि वर्ष 2019 में शासकीय सेवा आने के बाद उनके द्वारा स्वरोजगार योजना में पहला प्रकरण राधेश्याम चौधरी का ही तैयार किया गया था। आज उन्हें इस बात की खुशी है कि उनकी मदद एवं प्रयासों से राधेश्याम चौधरी सफल व्यवसायी बन गये हैं और अन्य युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बन गये है।