वर्ष 2018 से दमोह में जीत के लिए तरस रही भाजपा
दमोह
जिले में भाजपा के लिए मौजूदा हालात कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं। अंदरूनी कलह उठापटक और आरोप-प्रत्यारोप से जूझ रही भाजपा को हर मोर्चे पर फिलहाल हार देखनी पड़ रही है। शुक्रवार को नगर पालिका दमोह में अध्यक्ष पद के चुनाव में भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा और अध्यक्ष पद के लिए हुए मतदान में कांग्रेस की अधिकृत प्रत्याशी श्रीमती अंजू वीरेंद्र राय ने भाजपा के विक्रांत गुप्ता को 9 वोटों से पराजित करते हुए नगर पालिका अध्यक्ष पद कांग्रेस की झोली में डाल दिया।
कांग्रेस को मिला टीएमसी का भी साथ
अध्यक्ष पद चुनाव में कांग्रेस को कुल 39 मतों में से कुल 24 मत प्राप्त हुए हैं जिसमें उनके 16 पार्षदों के मतों के अलावा टीएमसी के 5 बसपा और निर्दलीय का भी समर्थन प्राप्त हुआ है वहीं भाजपा को अपने 14 प्रत्याशियों के साथ एक निर्दलीय का मत प्राप्त हुआ है। जिसके आधार पर कांग्रेस उम्मीदवार 9 मतों से विजयी हुए है।
2019 से लगातार मिल रही हार
उल्लेखनीय है की वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव के पूर्व भाजपा के जिला संगठन मजबूत दिखाई देता था। जयंत मलैया जैसे कद्दावर नेता के चेहरे के साथ ज्यादातर कार्यकर्ता और पदाधिकारी पार्टी के लिए कार्य कर रहे थे लेकिन उपचुनाव में प्रदेश सहित दमोह विधानसभा में भाजपा की हार के बाद जयंत मलैया संगठन से दूर होते चले गए और भाजपा में भी नए चेहरों सहित कांग्रेस से आयतित किए गए चेहरो को प्राथमिकता मिलने लगी। हालात यह बने कि उपचुनाव में भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा जबकि प्रदेश में भाजपा की वापसी हो चुकी थी।
वही इसके पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सहित नगर पालिका अध्यक्ष की कुर्सी भी भाजपा या भाजपा समर्थित प्रत्याशियों के हाथ में थी लेकिन नए समीकरण देखें तो दमोह विधानसभा सहित दमोह जिला पंचायत और अब दमोह नगर पालिका भी भाजपा के हाथ से चली गई है और इन पदों पर अब कांग्रेस का कब्जा है।
नहीं चल रही दिग्गजों की रणनीति
उल्लेखनीय है की दमोह के मौजूदा हालात में भाजपा के दिग्गजों की रणनीति भी काम नहीं कर पा रही है, और एक के बाद एक हार के बाद आरोप-प्रत्यारोपों का दौर भी बढ़ता जा रहा है। माना जा रहा था कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में भाजपा के मैदान से बाहर हो जाने के बाद केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल लोधी, राज्य मंत्री राहुल सिंह लोधी, जिला अध्यक्ष प्रीतम सिंह लोधी सहित अन्य पदाधिकारी नगर पालिका अध्यक्ष पद पर जीत के लिए कोई बड़ी रणनीति के साथ आएंगे और गुरुवार देर शाम तक भाजपा की ओर से अपने प्रत्याशी घोषित ना किए जाने पर ऐसे कयासों को बल भी मिला लेकिन प्रत्याशी घोषित होने और शुक्रवार के परिणामों के बाद यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा के दिग्गजों की रणनीति भी फिलहाल दमोह में नहीं चल रही।
अंदरूनी कलह का कांग्रेस को फायदा
जहां भाजपा को संगठन की अंदरूनी कलह को संभाल पाना मुश्किल हो रहा है, वही कांग्रेस इसका पूरा फायदा उठा रही है। जिला अध्यक्ष मनु मिश्रा के नेतृत्व में कांग्रेस ने दमोह विधानसभा सहित जिला पंचायत और नगर पालिका दमोह की भी सीट पर कब्जा जमा लिया है जिससे कांग्रेस जनों में उत्साह दिखने लगा है।