आज न्यूज़ आती है EC यानी कि इलेक्शन कमिशन की वेबसाइट से जहां उन्होंने सारा डाटा दे दिया है इलेक्टरल बोर्ड को लेकर
पिछले दो-तीन हफ्तों से election commission, election, electoral bond , SBI इन सब के arround बहुत सारी बातें आपको सुनने जरूर मिली होगी। हम आज आपको सब कुछ विस्तार से बताते हैं साथ ही बताते हैं कि इलेक्शन कमीशन के डेटा जारी करने के बाद क्या खुलासा हुआ ? किस पार्टी को कितना पैसा मिला ?
सबसे पहले हमें यह पता है कि यह एक स्कीम आई थी इलेक्ट्रोल bond स्कीम अब जिनको नहीं पता उनकी जानकारी के लिए बता दे कि यह एक तरह से एक दस्तावेज है, एक डॉक्यूमेंट है, एक कागज है, इस पर लिखा होता है कि इस डॉक्यूमेंट की कीमत कितनी है इलेक्टरल बॉन्ड ₹10 का भी हो सकता है ₹100 का भी हो सकता है 1 लाख या करोड रुपए का भी हो सकता है तो इलेक्टरल बॉन्ड एक स्कीम आई थी बहुत पहले आई थी कम से कम 5 6 साल हो गए हैं जब स्कीम आई थी तो इसमें यह था कि एक band द्वारा यह bond issue किए जाएंगे और कोई भी इंडिविजुअल भी इसे खरीद सकते हैं मतलब यह की एसबीआई के पास यह सारे bond है अब कोई भी कंपनी और इंडिविजुअल एसबीआई के पास आकर या बोल सकता है कि इतने रुपए रखो और हमें इलेक्टोरल बॉन्ड दे दो। अब एसबीआई उनको bond issue कर देगी पैसे लेकर। अब जिस भी व्यक्ति ने या इंडिविजुअल ने यह bond खरीदा है वह इसे किसी को भी बेच सकता है यह कहकर की एसबीआई का bond है।
अब पॉलीटिकल पार्टी एसबीआई के पास आएगी उनका वह bond दिखाएंगे और पैसा ले जाएगी। अब इस bond पर कई बार कई तरीके से सवाल उठे है पर फैसला आता है 15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट कहता है कि यह electoral bond unconstitutional है यह अब आगे नहीं चल सकती और इलेक्ट्रोड बॉन्ड स्कीम के साथ ही जो जो इनकम टैक्स एक्ट रिलेटेड और कंपनी एक्ट से रिलेटेड प्रावधान आए हैं सब nul and void है। अब यही से एक मोड़ आता है जब सुप्रीम कोर्ट SBI को कहता है कि अब आप सारा डाटा दिखाओ और इलेक्शन कमीशन के पास जमा करो और आखिर में एसबीआई ने इलेक्शन कमीशन को यह डाटा भेजा जो की इलेक्शन कमीशन ने अपनी वेबसाइट पर लगा दिया है यह डाटा 14 मार्च 2024 को पब्लिक के बीच आया ।