रात्री कालीन जलाए जा रहे सड़क किनारे के पेड़.
आग बुझाकर वनकर्मियों और स्थानीय पत्रकारों ने निभाया अपना फर्ज.
पीडब्ल्यूडी विभाग नींद में जानकारी देने के बाद भी सब इंजीनियर श्रवण कार श्रवण कार ने झाड़ा पल्ला.
घरों के सामने से पीडब्ल्यूडी जमीन पर लगे पेड़ बेखौफ जलाए जा रहे मानो विभाग ने स्वीकृति दी हो
जहां सरकार के द्वारा पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए एक से एक योजनाएं चलाई जा रही है वही पीडब्ल्यूडी अधिकारी की लापरवाही से सड़क किनारे के पेड़ दिन-ब-दिन जल कर समाप्त होते जा रहे हैं रहे ऐसा ही एक मामला किरनापुर तहसील से बालाघाट जाने वाली मुख्य सड़क किनारे लगे आजन अर्जुन के पेड़ो में इससे पहले भी अज्ञात तत्वों के द्वारा आग लगाकर नस्ट किया जाता रहा है.
किंतु पीडब्ल्यूडी विभाग की घोर उदासीनता के चलते बदस्तूर गत रात्रि में भी अर्जुन के पेड़ में धधकती आग दिखाई दी वहीं स्थानीय पत्रकार प्रेमनाथ नागवंशी राकेश बोरकर रवि अजीत संजय सिंह चौहान मंजीत
भिमटे विकेश मेश्राम के द्वारा पीडब्ल्यूडी विभाग और वन परिक्षेत्र अधिकारी को दूरभाष पर सूचना दी गई. वहीं वन परिक्षेत्र अधिकारी द्वारा तत्काल अपना अमला भिजवाया गया. किन्तु पीडब्ल्यूडी उपयंत्री द्वारा यह कहा गया कि मैं बालाघाट में रहता हु. आप लोग ही किसी से बोलकर आग बुझवा दिजिए.
वही स्थानीय पत्रकारों एवम वनकर्मी तिलक चंद उईके संजय राठौर मनीष गुप्ता मुकेश पंधरे द्वारा आग पर काबू पाया गया.
फिर क्यों चलाया जा रहा है पौधे लगाने का अभियान.
जब हम लगे बड़े पेड़ों को ही सुरक्षित ही नहीं रख सकते.
जेबीटी आवाज टीवी के लिए किरनापुनर से मंजीत भिमटे की
रिपोर्ट