Barichiwadi village Nashik: बोरी चिवारी गांव जल संकट: नासिक का गांव जहां पानी एक संघर्ष है …
“महाराष्ट्र के नासिक जिले का बोरी चिवारी गांव जल संकट से जूझ रहा है। जानिए कैसे पानी की कमी, गर्मी और सरकारी अनदेखी ने गांव को संकट में डाल दिया है।”
महाराष्ट्र के नासिक जिले का एक छोटा-सा गांव बोरी चिवारी इन दिनों भीषण जल संकट से जूझ रहा है। यहां पानी अब सिर्फ एक ज़रूरत नहीं रहा, बल्कि लोगों की दैनिक लड़ाई बन चुका है। बढ़ते तापमान और जलवायु परिवर्तन ने इस गांव को एक गहरे संकट में डाल दिया है।
पानी की एक-एक बूंद के लिए संघर्ष
बोरी चिवारी गांव में कभी तीन कुएं हुआ करते थे, जिनसे पूरा गांव पानी प्राप्त करता था। लेकिन अब सिर्फ एक कुएं में थोड़ा सा पानी बचा है। यह पानी भी इतना नीचे चला गया है कि महिलाओं को जान जोखिम में डालकर कुएं में उतरना पड़ता है।
इस पानी की गुणवत्ता भी बेहद खराब है। उसमें कीटाणु हैं और यह गंदा है, जिससे गांव में बीमारियां फैल रही हैं। लेकिन गांववासियों के पास इतना पैसा नहीं है कि वे इलाज करवा सकें।
महंगा पानी, गरीबों पर बोझ
गांव में 200 लीटर पानी के लिए ₹60 चुकाने पड़ते हैं। यह खर्च गरीब तबके के लिए बहुत बड़ा है। ऐसे में महिलाएं कुएं में उतरकर पानी लाने को मजबूर हैं, ताकि उनका परिवार प्यासा न रहे। यह दृश्य किसी आपदा से कम नहीं है, और सोचने पर मजबूर करता है कि 21वीं सदी में भी ऐसे हालात क्यों हैं।
जलवायु परिवर्तन का असर
तेजी से बढ़ता तापमान गांव की स्थिति को और भी भयानक बना रहा है। गर्मी के मौसम में जल स्रोत सूख जाते हैं और पीने का पानी मिलना कठिन हो जाता है। यह सिर्फ बोरी चिवारी की नहीं, बल्कि देश के कई सूखाग्रस्त इलाकों की कहानी है।
सरकार से सवाल
सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरकार क्या कदम उठा रही है? क्या इन लोगों को यूं ही पानी के लिए तरसने को छोड़ दिया जाएगा? जल संकट कोई नया मुद्दा नहीं है, फिर भी हर साल हजारों गांवों को इसकी कीमत चुकानी पड़ती है।
सरकारी योजनाएं और नीतियां कागज़ों में सीमित हैं, जबकि जमीनी स्तर पर स्थिति विकराल होती जा रही है। बोरी चिवारी जैसे गांवों को तुरंत राहत पहुंचाना आवश्यक है।
आपकी भूमिका क्या हो सकती है?
ऐसे मुद्दों को उजागर करना और उन पर जनजागरूकता फैलाना बेहद ज़रूरी है। इस पोस्ट को ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक शेयर करें और सरकार से जवाब मांगें।