Karnataka News: कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में वायुसेना के विंग कमांडर शीलादित्य बोस से जुड़ा एक मामला अब नया मोड़ ले चुका है। पहले जो मामला सड़क पर हुई बहस बताया जा रहा था अब उसी मामले में हत्या की कोशिश का आरोप लग गया है। इस मामले में जो सबसे चौंकाने वाली बात सामने आई है वह है सीसीटीवी फुटेज जिसने पूरे घटनाक्रम को पलट कर रख दिया है। फुटेज में विंग कमांडर को हमला करते हुए देखा गया है जिससे उनकी पहली शिकायत पर सवाल उठने लगे हैं।
कैमरे में कैद हुई सच्चाई
सोमवार 22 अप्रैल की सुबह जब शीलादित्य बोस और उनकी पत्नी स्क्वाड्रन लीडर मधुमिता दत्ता एयरपोर्ट जा रहे थे तब यह घटना टिन फैक्ट्री जंक्शन के पास हुई। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि बोस बाइक सवार युवक पर शारीरिक हमला कर रहे हैं। यह युवक एक कॉल सेंटर में काम करता है और उसका नाम विकास कुमार है। पहले बोस ने कहा था कि युवक ने बदसलूकी की थी लेकिन वीडियो ने उनके बयान पर सवाल उठा दिए हैं।
विकास कुमार की शिकायत पर बयप्पनाहल्ली पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। विंग कमांडर शीलादित्य बोस के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं जिनमें हत्या की कोशिश से लेकर जानबूझकर चोट पहुँचाने तक की धाराएं शामिल हैं। आईपीसी की धारा 108, 115(2), 304, 324 और 352 इस मामले में लगाई गई हैं। पुलिस का कहना है कि बोस फिलहाल कोलकाता में हैं और जल्द ही उनसे पूछताछ की जाएगी।
बोस की सफाई और वीडियो बयान
घटना के बाद बोस ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड किया जिसमें उनके चेहरे पर खून लगा हुआ था। उन्होंने बताया कि बाइक सवार युवक ने उनके साथ मारपीट की क्योंकि वह कन्नड़ में बात नहीं कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वह देश की सेवा करते हैं फिर भी लोगों ने उन्हें इस हालत में अकेला छोड़ दिया। उन्होंने स्थानीय लोगों पर भी सवाल उठाए और कहा कि किसी ने उन्हें बचाने की कोशिश नहीं की। लेकिन अब सीसीटीवी फुटेज ने उनकी बातों को झूठा साबित कर दिया है।
यह मामला अब सिर्फ एक सड़क विवाद नहीं रह गया है बल्कि अब यह वायुसेना से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी की साख और एक आम नागरिक के अधिकारों से जुड़ गया है। सीसीटीवी फुटेज की पुष्टि और कानूनी प्रक्रिया के बाद ही सच्चाई सामने आ पाएगी। पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है और आने वाले दिनों में बोस से पूछताछ के बाद कई नए राज सामने आ सकते हैं। यह भी देखा जाएगा कि क्या वाकई कोई भाषा विवाद था या मामला कुछ और ही था।