पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ अधिनियम में संशोधन के खिलाफ भड़की हिंसा के बाद अब राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 5 और 6 मई को जिले के दौरे पर जा रही हैं। इस दौरे के दौरान वे हिंसा से प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी और प्रशासनिक बैठक में हिस्सा लेंगी। उनके इस दौरे को लेकर लोगों में काफी उम्मीदें हैं क्योंकि यह पहली बार है जब वक्फ अधिनियम के विरोध में फैली अशांति के बाद ममता बनर्जी सीधे तौर पर स्थिति का जायजा लेंगी।
वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन हुए थे लेकिन मुर्शिदाबाद में यह प्रदर्शन हिंसक हो गया था। इसके चलते कई दुकानों में तोड़फोड़ हुई और कई घरों को नुकसान पहुंचा। इस हिंसा के बाद सरकार की तरफ से प्राथमिक सहायता के तौर पर कुछ सामग्री जैसे टिन, सीमेंट, पाइप और लोहे की छड़ें वितरित की गईं हैं ताकि लोग अपने घरों की मरम्मत कर सकें।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह दौरा दो दिन का होगा। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार पांच मई को ममता बनर्जी मुर्शिदाबाद पहुंचेंगी लेकिन उस दिन कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं है। वे बहरमपुर के सर्किट हाउस में रात्रि विश्राम करेंगी। इसके अगले दिन छह मई को वे सड़क मार्ग से जंगीपुर के शमशेरगंज क्षेत्र का दौरा करेंगी जो हिंसा से सबसे अधिक प्रभावित रहा है। इस दौरान वे कुछ गांवों में जाकर स्थिति का जायजा लेंगी और पीड़ितों से बातचीत भी करेंगी।
इसके बाद छह मई को ही मुख्यमंत्री धुलियान में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगी और फिर दोपहर दो बजे कॉटन प्रिंटिंग ग्राउंड में एक प्रशासनिक बैठक करेंगी। इस बैठक में अधिकारियों से रिपोर्ट ली जाएगी और राहत कार्यों की समीक्षा की जाएगी। ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक के बाद मुख्यमंत्री प्रभावित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा कर सकती हैं।
हिंसा से प्रभावित लोगों के लिए ममता बनर्जी का यह दौरा आशा की किरण बनकर आया है। खासतौर पर वे लोग जिनकी दुकानों में लूटपाट और तोड़फोड़ हुई या जिनके घर जला दिए गए उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री उनकी समस्याएं सुनेंगी और समुचित सहायता की घोषणा करेंगी। अब तक मिली सहायता को लोग अस्थायी मान रहे हैं और वे चाहते हैं कि उन्हें उनकी क्षति के अनुरूप मुआवजा दिया जाए।
प्रशासन पहले ही हिंसा से प्रभावित लोगों की सूची तैयार कर चुका है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री के दौरे से पहले ही सरकार ने कुछ परिवारों को टिन और सीमेंट जैसी सामग्री दे दी है जिससे मरम्मत का काम शुरू हो चुका है। लेकिन यह सहायता सभी के लिए पर्याप्त नहीं है। कई लोग अब भी सरकारी सहायता का इंतजार कर रहे हैं।
स्थानीय लोग यह भी मांग कर रहे हैं कि सरकार को पूरी क्षति का आंकलन कर एक स्थायी और व्यापक मुआवजा पैकेज देना चाहिए ताकि वे अपनी जिंदगी को फिर से पटरी पर ला सकें। उनके अनुसार सिर्फ आपातकालीन सहायता से उनका गुजारा नहीं हो सकता।
ममता बनर्जी इससे पहले भी राज्य में कई घटनाओं के बाद पीड़ित परिवारों से मिल चुकी हैं और उनके लिए मुआवजा पैकेज की घोषणा कर चुकी हैं। अब लोग चाहते हैं कि मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज और आसपास के प्रभावित इलाकों के साथ भी वैसा ही व्यवहार किया जाए।
ममता बनर्जी का यह दौरा न केवल प्रशासनिक स्तर पर स्थिति की समीक्षा का अवसर होगा बल्कि जनता को भरोसा दिलाने का भी एक माध्यम बनेगा कि सरकार उनके साथ खड़ी है। अब सबकी नजरें इस बात पर हैं कि मुख्यमंत्री अपने दौरे में कौन सी घोषणाएं करती हैं और सरकार की ओर से क्या ठोस कदम उठाए जाते हैं।