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Uttarakhand landslide: बारिश बनी मुसीबत! बद्रीनाथ जाने वाला रास्ता मलबे में दबा, सैकड़ों यात्री फंसे

Uttarakhand landslide: के आते ही उत्तराखंड में भारी बारिश का दौर शुरू हो गया है। इस बारिश के चलते रुद्रप्रयाग-बद्रीनाथ मार्ग पर बड़ा भूस्खलन हुआ है। मलबा और पत्थर गिरने से सड़क पूरी तरह बंद हो गई और कई यात्री बीच रास्ते में फंस गए। ऋषिकेश जा रहे एक यात्री दिलप्रीत ने बताया कि वह चार घंटे से भी ज्यादा समय तक रास्ते में फंसे रहे। हालांकि प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है और भारी मशीनें मलबा हटाने में जुटी हुई हैं।

चारधाम यात्रा पर असर, तीर्थयात्रियों को सतर्क रहने की सलाह

भूस्खलन और बारिश के कारण चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ा है। प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें। खासकर संवेदनशील इलाकों में न जाएं। हाल ही में केदारनाथ धाम यात्रा को भी अस्थाई रूप से रोका गया था जब गौरीकुंड के पास छोडी गधेरे क्षेत्र में भूस्खलन से रास्ता टूट गया था। इसके बाद सुरक्षा व्यवस्था के तहत यात्रियों की आवाजाही रोक दी गई और रास्ता सुधारने का कार्य शुरू किया गया।

8 जुलाई को चमोली जिले के नंदप्रयाग घाट के पास मख गांव में बादल फटने की घटना सामने आई। हालांकि राहत की बात यह रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई। राज्य आपदा राहत बल (SDRF) की टीम को मौके पर भेजा गया है ताकि हालात का सही आकलन किया जा सके। मौसम विभाग ने अगले चार दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है। स्थानीय लोगों और यात्रियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

यमुनोत्री में भी कहर, दो श्रद्धालु अब भी लापता

इससे पहले 22 जून को उत्तराखंड के यमुनोत्री मंदिर मार्ग पर भी भूस्खलन हुआ था। उस हादसे में पांच श्रद्धालु प्रभावित हुए थे जिनमें से दो अब भी लापता हैं। दिल्ली की 11 वर्षीय भाविका शर्मा और मुंबई के कमलेश जेठवा का अब तक कुछ पता नहीं चला है। अन्य तीन में से दो की शव घटनास्थल से बरामद किए गए थे जबकि एक श्रद्धालु घायल अवस्था में निकाला गया था। पहाड़ी से गिरते पत्थरों और मलबे के कारण सभी श्रद्धालु खाई में गिर गए थे।

हालात को देखते हुए राज्य प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। हर जगह SDRF, पुलिस और अन्य बचाव टीमें तैनात की गई हैं। मलबा हटाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। फिर भी, मौसम की गंभीरता को देखते हुए तीर्थयात्रियों और पर्यटकों से अपील की जा रही है कि वे मौसम की जानकारी लेकर ही यात्रा करें और पहाड़ी इलाकों में जाने से फिलहाल बचें।

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