International women’s day
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के पीछे क्या कारण है ? आखिर कब से हुई इसकी शुरुआत
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं का दिन है यह विश्व स्तर पर हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर महिलाओं की उपलब्धियां को सलाम किया जाता है। यह दिवस हमें , महिलाओं के योगदान, महिलाओं के संघर्ष, त्याग, उनके द्वारा अनेकों चीजों में भागीदारी के बारे में हमे अवगत कराता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस यानी इंटरनेशनल वुमन डे मनाने की शुरुआत 1909 से हुई थी पर इसे आधिकारिक मान्यता 1975 में मिली जब संयुक्त राष्ट्र ने थीम के साथ इस मनाना शुरू किया। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने के पीछे एक प्रमुख वजह यह भी है, कि आपसी समानता यह दिवस हमें अहसास करवाता है कि महिलाएं भी किसी से कम नहीं है उनका भी समाज के प्रति देश के प्रति बराबर का योगदान हमेशा से रहा है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को आर्थिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, सामाजिक, तमाम उपलब्धियां के तौर पर मनाया जाता है। हमारा देश शुरू से ही पुरुष प्रधान देश रहा है पर देश के लिए महिलाओं का योगदान भी कम नहीं है चाहे वह सामाजिक स्तर पर हो चाहे देश को आगे बढ़ाने के लिए महिलाएं हमेशा कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही हैं।
International women’s day
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस हमें सिखाता है हमें बताता है,कि महिलाएं भी किसी से कम नहीं है इसलिए 8 मार्च को समूचे विश्व में यह दिवस मनाया जाता है तथा इस दिन महिलाओं के संघर्ष योगदान को याद किया जाता है हमारे देश में आज भी कुछ लोगों को लगता है कि महिलाएं सिर्फ चूल्हा चौका करने के लिए ही बनी है, जबकि इस दिन जब वह देखते हैं पढ़ते हैं महिलाओं के देश के प्रति समाज के प्रति योगदान के बारे में तो वह भी सोच में पड़ जाते होंगे।
हमारे देश में शास्त्रों को एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है, जिसमें साफ-साफ कहा गया है –
यत्र नार्यस्तु पूज्यते रमंते तत्र देवता :
अर्थात जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता विराजते हैं। आज के समय महिलाएं भी आत्मनिर्भर है वह कंधे से कंधा मिलाकर साथ चल रही है।