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किसानों की सहमति के बिना जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों ने आंदोलन की राह पकड़ी 

किसानों की सहमति के बिना जमीन अधिग्रहण को लेकर किसानों ने आंदोलन की राह पकड़ी

पीथमपुर औद्योगिक नगरी के सागौर,खेड़ा, अकोलिया,जामोदी, आदि गांव की 100 हेक्टेयर के लगभग उपजाऊ जमीन को लाजिस्टिक हब बनाने के लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है,सरकार की और से किसानों को नोटिस दिए गए मगर किसानों ने नोटिस लेने से साफ इंकार कर दिया कारण साफ है स्थानीय किसानों का कहना है की सरकार ने जो गाइड लाइन निर्धारित की है

वह बहुत ही कम है 25 लाख बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है जब की हमारे क्षेत्र में बाजार मूल्य सरकार के अनुमान से कई गुना ज्यादा है हमारे गांव औद्योगिक  क्षेत्र के बीचों बीच है फिर भी सरकार ने गाइड लाइन का आकलन किस हिसाब से किया है ,यह समझ से परे है,किसानों का कहना है की हम हमारी जमीन किसी भी कीमत में सरकार को नही देंगे,सरकार ने हमारी बात किसी भी स्तर पर एक बार भी नही सुनी और नोटिस भेज दिए हमारी उपजाऊ जमीन की जो कीमत हमको दी जा रही है वह बाजार मूल्य के हिसाब से बहुत कम है,हम किसान हमारी जमीन नही देंगे,हमारी जमीनों की गाइड लाइन में भी गड़बड़ है आज के बाजार मूल्य से निर्धारित किया जाए हमारी मांगों पर विचार नही किया गया तो आगामी विधानसभा चुनाव का भी सम्पूर्ण बहिष्कार किया जाएगा,साथ ही किसी भी पार्टी के नेताओ को गांव की सीमा में घुसने नही दिया जायेगा,सरकार द्वारा लाजिस्टिक हब के लिए किसानों की सहमति बिना ही उपजाऊ संचित जमीनों को अधिग्रहित किया जा रहा है सरकार किसानों के साथ तानाशाही कर रही है किसानों द्वारा नोटिस नहीं लिए जा रहे है। सरकार द्वारा किसानों की एक भी बात सुनने को तैयार नही है किसान आखिर में थक हार कर आंदोलन की राह पर निकल पड़े है ।

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