May 2016 केंद्र सरकार द्वारा “प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना” की शुरुआत की है, जिसमें “स्वच्छ ईंधन बेहतर जीवन” का नारा दिया गया था।
इस योजना के तहत हर घरों में मुफ्त में चूल्हे वितरण किया गया था, और गैस के दाम भी घटा दिए गए थे। सरकार का उद्देश्य ग्रामीण तथा छोटे कस्बों तक इस योजना को पहचाना था जिससे ग्रामीणों और छोटे काशन के लोगों के बीच सरकार की लोकप्रियता बढ़ते रहे। यह वाक्यांश स्पष्ट होते चला गया जब गैस के दामों में नियंत्रण बढ़ोतरी देखी गई। जैसे-जैसे गैस के दाम आसमानों को छूते चले गए घरों में गैस का उपयोग कम होते दिखाई देने लगा।
हालांकि आए दिन देश में एलपीजी का दाम बढ़ते-घटते दिखाई देता है, ऐसे ही 8 मार्च की सुबह प्रधानमंत्री ट्विटर पर पोस्ट करके बताते हैं, कि राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर गैस की कीमत में ₹100 की छूट दी जाएगी जो पर्यावरण संरक्षण में भी उपयोगी रहेगी,जिससे पूरे परिवार का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा। इससे पहले यह दृश्य रक्षाबंधन के अवसर पर भी दिखाई दिया था। केंद्र सरकार ने जब रक्षाबंधन के अवसर पर गैस में 200 की छूट दी थी। प्रधानमंत्री इसे महिलाओं के लिए एक बड़ा तोहफा मानते हैं।
देश में महंगाई बढ़ते देख गैस में 200 की छूट भी मिल जाए तो क्या? मध्यवर्गीय परिवारों के लिए यह कोई तोहफा तो नहीं !
आप खुद सोचिए पहले मुफ्त में सेवा दी जाए फिर लगातार गैस का दाम बढ़ते चले जाए तो, आप इस स्थिति के बारे में क्या विचार रखेंगे?