जगह जगह भर रहा पानी आने जाने में हो रही परेशानी
जन प्रतिनिधि की नजर आ रही उदासीन
सुशील उचबगले की रिपोर्ट
गोरेघाट/तिरोड़ी
इन दिनों बारिश के चलते गांव के हालात बहुत ही खराब हो चुके है मोहल्ले तो मोहल्ले मुख्य सड़क के भी बेहाल हो चुके है। ऐसा ही मामला सामने आया है पठार क्षेत्र की ग्राम पंचायत गोरेघाट जहां बारिश शुरू होने के बाद भी ना नाली सफाई की गई और ना ही बारिश के पानी निकासी की व्यवस्था। ग्राम पंचायत गोरेघाट में लगभग 4500 की आबादी और 20 वार्ड, और लगभग एक किलो मीटर की दूरी इसके अलावा इसमें जुड़े गांव हेटी और भोंडकी इस एक किलो मीटर में बहुत सी जगह में पानी रुकता है और यह पानी अभी से ही नही जब से सीसी सड़क बनी है तब से ही यहां पानी रुक रहा है उसके बाद यह तीसरी पंच वर्षीय शुरू है मगर अब तक किसी भी जीमेदार जनप्रतिनिधि ने भी पानी निकासी की ओर ध्यान नहीं दिया गया जबकि स्कूल जाने वाले नन्हे बच्चे गाड़िया छोटी से लेकर बड़ी तक सभी लोग इसी एक सड़क से आवाजाही करते है। एक जगह हो तो अलग एसी बहुत सी जगह है जहां पानी रुक जाने से पैदल चलना और दो पहिया वाहन तक चलाना मुश्किल हो जाता है। जहा जहा पानी रुकता है अब धीरे धीरे उस जगह में मिट्टी जमा होने लगी है जिससे वाहन फसने लगे है और कोई वाहन फस जाता है तो दूसरा वहां उस सड़क से निकल नही सकता।
सकरी हो गईं सड़क
जब से सीमेंट रोड बनी है तब से सड़क की चौड़ाई कम हो गई है जबकि पहले इसकी चढ़ाई ज्यादा थी मगर अब जब सीमेंट रोड बन गई है तब से सड़क की चौड़ाई कम हो गई और दोनों ओर से नाली नही है जिसके कारण पानी की निकासी नहीं हो पा रही है और पानी भर जाने से पूरी की पूरी सीमेंट रोड ही खत्म हो गई है । सीमेंट के ऊपर कई परत मिट्टी चढ़ गई है जिससे सीमेंट रोड समझ ही नही आती है ।
जनप्रतिनिधि की उदासीनता
ग्राम पंचायत गोरेघाट में बहुत ही दुर्भाग्य रहा है की अब तक एक ही विधायक श्री के डी देशमुख ने जी जान लगाकर इस गांव को गांव जैसा बनाए थे जबकि उससे पहले के हालात ऐसे थे जैसे कभी इस ग्राम को काला पानी कहा जाता था लेकिन श्री देशमुख जी विधायक बनने के बाद इस ग्राम के अलावा पूरे पठार को सभी सुविधाएं दी गई और गांव जैसा दिखने लगा मगर उसके बाद किसी भी जन प्रतिनिधि ने इस गांव की ओर ध्यान नहीं दिया ऐसा ही हाल रहा तो जल्द ही उसी गर्त में चला जायेगा जैसा पहले था।
नाली बनाने की मांग
इससे पहले पंचायत द्वारा सड़क के दोनो ओर नाली निर्माण के लिए जिम्मेदारों को इसकी जानकारी भी दी गई मगर सिर्फ आश्वासन के अलावा कुछ नही मिला। जब सीमेंट रोड का चौड़ीकरण करने के लिए कार्य शुरू हुआ उस समय जागरूक ग्रामीणों ने ठेकेदार से पहले नाली निर्माण और उसके बाद सड़क चौड़ीकरण का कार्य करने की मांग की गई थी मगर ठेकेदार ने गांव के बाहर ही सड़क चौड़ी किए और गांव की सीमेंट रोड को जैसा का वैसा छोड़ काम बंद कर चले गया । तब से हालत बद से बदतर होते चले गए मगर जिम्मेदारों ने कभी भी इस ओर मुड़कर नही देखा और ना कभी इसे चौड़ीकरण की ओर ध्यान दिया। जबकि गांव की आबादी दिनों दिन बड़ ही रही है और आवाजाही और वाहनों की संख्या बड़ने से आने जाने में काफी दिक्कत हो रही है।
अतिक्रमण ही अतिक्रमण
ग्राम पंचायत की दोनो ओर चाहे भौंडकी से जाओ या कुड़वा तरफ से जाओ जगह जगह पर अतिक्रमण कर रहे है कुछ खेती की जमीन को सड़क में मिला दिया कुछ ने मकान की सामग्री रख दिए है कुछ ने दीवार तक खड़ी कर दिए है और गोबर का कचरा तो जन्म सिद्ध अधिकार है लेकिन ग्राम पंचायत इस अतिक्रमण को हटाने में नपुंसक साबित हुई है। जबकि उन्हें पता है और दिखाई भी दे रहा है की अतिक्रमण हो रहा है फिर भी कहीं वोट खराब न हो जाए इस कारण उन्हे रोक नही रहे है। तिरोड़ी तहसीलदार द्वारा सड़क किनारे के गोबर के गड्डे हटाने पिछले एक वर्ष से नोटिस दी जा रही है मगर अब तक गोबर के गड्डे नही हट पाए इससे साफ नजर आता है की शासन और प्रशासन मिलके भी इस सफाई कार्य को अंजाम नहीं दे पाए है और तो और अब लोग धीरे धीरे खेती के मेढ़ सड़क तक ला लिए है और जितना भी घरों का कचरा है वह मुख्य सड़क पर हीं डाल दिया जाता है जिससे और भी गंदगी फेल रही है।
बड़ गया मच्छरों का प्रकोप
ग्राम पंचायत गोरेघाट में नालिया साफ नही होने से पानी जमा हो रहता है और वह पानी इतना बदबू करता है की रोड से चलना मुश्किल हो जाता है और पानी निकासी नही होने से मच्छरों की संख्या बहुत ज्यादा मात्रा में बड़ गई है जिससे अब मलेरिया या दस्त जैसे बीमारी का खतरा मंडरा रहा है। अब देखना ये है की प्रशासन कितना स्वच्छता की ओर ध्यान दे पाता है।