डॉ. अंबेडकर प्रतिमा स्थापना के लिए सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजे गए 263 समर्थन पत्र
इंदौर, मध्यप्रदेश।
ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ में संविधान निर्माता डॉ. बाबा साहब अंबेडकर की प्रतिमा स्थापना को लेकर जारी विवाद अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुँच चुका है। डॉ. अंबेडकर युग सेवा समिति, इंदौर (DAYS) ने प्रतिमा स्थापना के समर्थन में बड़ा कदम उठाया है। समिति ने देश के विभिन्न राज्यों से प्राप्त कुल 410 में से 263 समर्थन पत्र भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई को स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजे हैं।
यह समर्थन अभियान ऑनलाइन गूगल फॉर्म के माध्यम से चलाया गया था, जिसमें मध्यप्रदेश सहित महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, पंजाब व राजस्थान जैसे राज्यों से आम नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
समिति का कहना है कि –
> “जब दिल्ली स्थित सुप्रीम कोर्ट परिसर में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा विधिवत स्थापित है, तो ग्वालियर हाईकोर्ट में उसका विरोध करना न तो नैतिक रूप से उचित है और न ही विधिक दृष्टिकोण से।”
डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा ग्वालियर हाई कोर्ट में क्यों आवश्यक है?
वे संविधान निर्माता और देश के पहले कानून मंत्री थे। उनका योगदान भारतीय न्याय व्यवस्था की नींव है। उनकी प्रतिमा न्यायिक परिसरों में सामाजिक न्याय के प्रतीक के रूप में स्थापित होती है।
आगामी कदम
समिति ने घोषणा की है कि शेष समर्थन पत्र अब माननीय राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री और कानून मंत्री को भी प्रेषित किए जाएंगे।
इस अभियान में प्रमुख रूप से उपस्थित रहे:
मुरलीधर राहुल मेटांगे (सर) – सामाजिक कार्यकर्ता
रघुवीर मरमट
भीमराव सरदार
योगेंद्र गवांदे
भारत निम्बाड़कर
संघपाल इंगले
राकेश मरमट
✍️भवदीय,
मुरलीधर राहुल मेटांगे
संस्थापक, डॉ. अंबेडकर युग सेवा समिति (DAYS), इंदौर (म.प्र.)