गोरेघाट पंचायत का मामला
भाजपा के शासन मे गरीब परिवार शासन की योजना से वंचित
फरीयाद सुनने वाला कोई नही झोपडीबना अशियाना
विघायक से हस्तक्षेप की मांग
सुशील उचबगले की रिपोर्ट
गोरेघाट कटंगी
*तिरोड़ी तहसील के अंर्तगत पठार क्षेञ आखरी छोर के ग्राम पंचायत गोरेघाट हेटी में रहने वाली गरीब परिवार की बेवा महिला गौरा बाई राउत स्व ब्रजलाल राऊत 42 वर्ष जाति गोवारी जो की विगत कई वर्षो से अपने परिवार के झोपड़े में निवास कर रही है जिसे शासन की योजना का अब तक लाभ नहीं मिला जबकि केंद्र की नरेंद्र मोदी एवं प्रदेश की मोहन यादव सरकार गरीबों के उत्थान विकास बात कर महत्वपूर्ण योजना संचालित कर रही परन्तु उक्त महिला को शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं मिला जबकि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि नेताओं को चुनाव के वक्त गरीब व हर वर्ग की याद आती हैं पर उनके उत्थान विकास के संर्दभ में सोचना तो दूर दुख सुख मे सहभागी बनना जरूरी नहीं समझते है*। जनप्रतिनिधि नेताओं स्वार्थी लालसा का शिकार गौरा बाई भी हुई जिसे चुनाव में याद जरूर करते है परन्तु उसकी समस्या का समाधान किसी ने भी किया
भाजपा सरकार की खुली पोल गरीब परिवार की फरियाद सुनने वाला को नही
आज भाजपा की केन्द्र व राज्य सरकार अपनी सरकार की उपलब्धि को लेकर वाहवाही और ढिंढोरा पीट रही है उनकी यह उपलब्धि है वो उपलब्धि है शासन जमीनी हकीकत से अंजान हैं शासकीय योजनाओं से आज भी कई परिवार है लाभ से वंचित है जिसका उदाहरण ग्राम पंचायत गोरेघाट के हेटी ग्रामीण क्षेत्र का है जहां गरीब बेवा महिला गौरा बाई जिनके पति की करीबन 15 वर्ष पूर्व मृत्यु हो चूकी है जिनकी दो संतान पूञ है युवा बेटा रजनीकांत उम्र 20वर्ष जो समीप महाराष्ट्र राज्य के नागपुर रोजी रोटी कमाने गया था छ माह पुर्व वह मां और छोटा भाई उम्र 9 वर्ष के लिए कुछ पैसे और घर का सामान लेकर आ रहा था रास्ते में दुर्घटना हो गई जिसे नागपुर मेडिकल में भर्ती कराया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया युवा बेटा जो अपने माँ भाई का साहरा था उसका इस तरह छोड़कर चले जाने गौरा बाई पर दुखो का पहाड़ टूट गया आज जवान बेटा के इस तरह चले जाने से गरीब परिवार के समक्ष आथिक समस्या तो है वही शासकीय योजनाओं से वंचित है आखिर क्यों बड़े बड़े वादे करने वाले नेताओ दरयादिली कहा गई आज गौरा बाई अपने दूसरे बेटा जो की मात्र 9 वर्ष का है उसे जैसे तैसे पाल रही है ।और अपना जीवन यापन कर रही है उक्त बेसहारा महिला की हमेशा तबीयत खराब रहती है और आज दयनिक हाल इतनी खराब है दो वक्त की रोटी खाने के लाले पड़े है गौरा बाई ने प्रेस को जानकारी देते हुये बताया की उसे कई बार राशन उपलब्ध नहीं होने के कारण बेटे के साथ भूखे सोना पड़ता है। आखिर कैसा राम राज जहां इंसान को आज भी भूखा सो रहा है ,उसने आगे बताया की उसे पंचायत से न तो राशन कार्ड बना है और न ही किसी प्रकार की सरकारी योजना का लाभ मिल रहा है।
नही है मकान
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हर परिवार का. अपना घर होग गोरेघाट की गौरा बाई जो की अपने पति ब्रजलाल की दूसरी पत्नी है जब से शादी हुई तब से वह अपने पति और बच्चों के साथ खेत में झोपड़ी बनाकर रहते थे । पति और बच्चे के अकास्मिक छोड़कर चले के बाद राजीव सागर परियोजना के हेलीपेड के पास शेर अन्य जंगली जानवरो के डर से अपनी झोपड़ी बनाकर दूसरे मकान के सहारे अपने छोटे बेटे के साथ रह रही है।
सरकार एवं विघायक से गुहार
गौरा बाई श्री सरकार एंव क्षेञीय विघायक गौरव पारघी से गुहार लगाते हुये कहा की सरकारी योजना से प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जाये ताकि मकान का लाभ मिले,साथ ही राशन कार्ड बनाया जाये जिससे उसे राशन मिल सके,बेहतर स्वास्थ्य हेतु आयुष्मान कार्ड बनाया जाये जिससे वह खुद का और बच्चे का इलाज करा सके, उसे विधवा पेंशन दिलाई जाये जिससे उसका गुजर बसर हो सके।
पंचायत के लगा रही है चक्कर
गौरा बाई राउत में प्रेस में बताया की वह कई वर्षो से पंचायत के चक्कर काट रही है मगर कागज के अभाव में उसका कोई भी काम नही हो रहा है उसने बहुत मशक्कत के बाद परिचय पत्र और आधार कार्ड बना ली है शासन की योजना की जानकारी नहीं होने आवश्यक कार्यवाही के अभाव अपनी समस्या को लेकर वह आधिकारी और कार्यालय के चक्कर काट रही है इसके बावजूद उसकी सहायता कोई नही कर रहा है गौरा बाई आगे बताती है की चुनाव में सभी लोग पंच सरपंच उम्मीदवार आते है और सारे काम कर देने का वादा कर चलें जाते है लेकिन चुनाव होते ही सब भूल जाते है।आखिर में उसने क्षेत्रीय विधायक गौरवसिंह पारधी से हस्तक्षेप कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है