वारासिवनी में जन्मी शिक्षिका आज राष्ट्रपति से पाएगी उत्कृष्ठ शिक्षक सेवा सम्मान
भोपाल के आईटीआई में दृष्टिबाधित बच्चों को दिया संकल्प सिद्ध करने का मंत्र
बालाघाट के वारासिवनी में जन्मी श्रीमती प्रेमलता रहांगडाले आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में उत्कृष्ठ शिक्षक सेवा सम्मान से राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपती मुर्मू के हाथों सम्मानित होगी। श्रीमती रहांगडाले इन दिनों भोपाल के शासकीय सम्भागीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान गोविंदपुरा में प्रशिक्षण अधिकारी के रूप में नियुक्त है। प्रति वर्ष देश के उत्कृष्ठ शिक्षकों को 5 सितम्बर पर आयोजित होने वाले शिक्षक दिवस समारोह में सम्मानित किया जाता है। उन शिक्षकों में श्रीमती रहांगडाले भी शामिल है। उन्होंने वारासिवनी से बीएससी विज्ञान में स्नातक किया इसके बाद रायपुर से पॉलिटेक्निक की शिक्षा ली। वैसे तो वे 11 वर्षो से आईटीआई में प्रशिक्षक के तौर पर अपनी भूमिका निभा रही है। लेकिन पिछले 8 वर्षो से उन्होंने ऐसे विद्यार्थियों को संकल्प सिद्ध करने का मंत्र सिखाया है। जो इस दुनिया को देख नही सकतें केवल अपने स्पर्श ज्ञान से शिक्षा ग्रहण कर रहे है। ऐसे विद्यार्थियों को अपना भविष्य संवारने के लिए अपना शिक्षा कौशल दिखाया है। उन्होंने कहा कि वे दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को इस बात का अहसास कराती है कि वो किसी से कम नही है। साथ ही विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से वे उनका हुनर तलाशकर उन्हें मदद करती है। हर दिन दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के साथ 8 घंटे बिताने के बाद उनके हुनर के अनुसार उन्हें तैयार करती रही है।
उनके दृष्टिबाधित विद्यार्थी खेलों में भी आगे है
श्रीमती रहांगडाले ने बताया कि उनके हुनर के अनुरुप भी उन्हें प्रोत्साहित करती रही है। उनकी दो छात्राएं ज्योति चौरे और पूजा चौरे आज जुड़ों में राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी है। इनके अलावा उनके कई विद्यार्थी भारतीय रेल और अन्य संस्थानों में शासकीय सेवा में है। एक दृष्टिबाधित विद्यार्थी ने तो सीपीसीटी का संस्थान ही खोलकर विद्यार्थी तैयार कर रहा है। #mpmapit