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सुरक्षा में लापरवाही से आदिवासी युवक की मौत, जनआंदोलन के बाद मिला 16 लाख का मुआवजा

सुरक्षा में लापरवाही से आदिवासी युवक की मौत, जनआंदोलन के बाद मिला 16 लाख का मुआवजा

📍 इंदौर | 16 जून 2025

मान सा पाइप कंपनी में काम कर रहे 21 वर्षीय युवा आदिवासी मजदूर राजेश नर्मदा गोंड की ड्यूटी के दौरान हुई मौत ने सुरक्षा व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यह हादसा 13 जून की रात करीब 12:30 बजे हुआ, जब ड्यूटी पर तैनात राजेश को गंभीर चोट लगी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

 

कंपनी प्रबंधन ने ना तो परिवार को सूचना दी और ना ही 14 जून को इस मौत की बात सार्वजनिक की। जब 15 जून को यह बात परिवारजनों, समाजजनों और सामाजिक संगठनों को पता चली, तो आक्रोशित लोगों ने कंपनी गेट पर मृतक का शव रखकर आंदोलन किया। आरोप था कि कंपनी की सुरक्षा में लापरवाही के चलते यह जान गई है, इसलिए पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए।

प्रबंधन और प्रशासन के बीच कई दौर की चर्चाओं के बाद अंततः तहसीलदार साहब की मध्यस्थता में समझौता हुआ। कंपनी प्रबंधन ने ₹16,00,000 का मुआवजा देने पर सहमति जताई, जिसमें से ₹50,000 नकद और ₹15,51,000 मृतक के माता-पिता के खातों में ट्रांसफर किए गए।

🔸 इस आंदोलन में मुख्य भूमिका निभाने वालों में शामिल रहे:

डॉ. हेमंत कुमार हिरोले, मोनिका सोलंकी, जीवन गिनावा, राकेश ठाकुर, किशोर नीनामा, जितेंद्र डावर, मिथुन बारोड, राजू मेहरा, शंकर मरावी, अजय सोलंकी, महेश सोलंकी, रोहित सोलंकी, संजय सिसोदिया, कैलाश कानोडे, घनश्याम अहिरवार, गबर कोहरे, विजय गिरवले, संदीप, रवि मुजाल्दा, अरुण बड़ोले, अनेक सरियाम, भूपत गोंध, बबलू माळीवाडा, राकेश दसांना, राजवीर सोलंकी सहित सैकड़ों समाजबंधु।

👥 सभी युवाओं की एकजुटता से यह साबित हुआ कि सामूहिक संघर्ष से ही न्याय संभव है।

➡️ आगे की जांच अब स्थानीय प्रशासन और श्रम विभाग कर रहा है।

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