HomeMost Popularमिड डे मील कर्मियों का सड़कों पर उतरने का फैसला आगे क्या...

मिड डे मील कर्मियों का सड़कों पर उतरने का फैसला आगे क्या होगा? जाने

आगे क्या होगा? जाने

गत 6 माह से मानदेय न मिलने पर सरकार के उदासीन रवैये के खिलाफ मिड डे मील कर्मियों का सड़कों पर उतरने का फैसला

भिवानी, 21-4-2023

आज यहां प्रजापति धर्मशाला में मिड-डे मील कार्यकर्ता यूनियन हरियाणा (रजि. नं. 2077) संबंधितः एआईयूटीयूसी एवं स्कीम वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इण्डिया ने एक प्रेस वार्ता की। इसे यूनियन की राज्य प्रधान राजबाला, महेंद्रगढ़ जिला प्रधान सुनीता जांगड़ा, एआईयूटीयूसी के हरियाणा राज्य प्रधान राजेंद्र सिंह एडवोकेट, उपाध्यक्ष रामफल, भिवानी जिला सचिव राजकुमार बासिया आदि ने संबोधित किया।

 

नेताओं ने बताया कि सरकारी स्कूलों में बच्चों का खाना बनाने का काम करने वाली मिड डे मील कर्मी निहायत गरीब परिवारों से है और इनमें काफी संख्या में विधवा महिलाएं हैं। महंगाई के इस भीषण दौर में पिछले 6 महीने से हरियाणा सरकार ने इनका मेहनताना नहीं दिया है। इससे प्रदेश की मिड डे मील कर्मी घोर आर्थिक संकट में हैं। मानदेय नहीं मिलने से उनके घरों में चूल्हा जलना मुश्किल हो गया है। बार बार याद दिलाने पर भी सरकार ने इनकी कोई सुध नहीं ली।

 

सर्वविदित है कि सरकार करोड़ों रुपये बेमतलब के कार्यों में अनाप-शनाप खर्च देती है, परंतु बच्चों के पोषण का अत्यंत जरूरी कार्य करने वाली मिड डे मील कार्यकर्ताओं को प्रति माह 7,000/- रुपये का मामूली-सा मानदेय नहीं दे रही। सरकार की इस बेरूखी को लेकर मिड डे मील कार्यकर्ता यूनियन संबंधित एआईयूटीयूसी एवं स्कीम वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया अनेक बार धरना-प्रदर्शन आयोजित कर एक के बाद एक सरकार को ज्ञापन दे चुकी है, परंतु सरकार गूंगी-बहरी बनी बैठी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। इससे उनमें भारी रोष जमा हो रहा है। मिड डे मील कार्यकर्ता यूनियन हरियाणा की मांग है कि मिड डे मील कर्मियों का पिछले 6 महीने से बकाया मानदेय का भुगतान बिना किसी देरी के किया जाये। इसके अलावा भी मिड डे मील कार्यकर्ताओं की कई मांगें लंबित हैं। एआईयूटीयूसी के राज्य प्रधान कामरेड राजेन्द्र सिंह एडवोकेट ने मांग की है कि मिड डे मील कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाये। तब तक, श्रमिक के तौर पर न्यूनतम वेतन 28,000 रुपये मासिक दिया जाये। हरियाणा सरकार द्वारा निर्धारित मानदेय हर महीने की 7 तारीख को उनके बैंक खाते में दिया जाये, गर्मी-सर्दी की छुट्टियों का मानदेय न काटा जाये, 10 महीने की बजाय पूरे 12 माह का मानदेय दिया जाये। रिटायरमेंट की उम्र आंगनबाड़ी कर्मियों की तर्ज पर 65 साल की जाये। मिड डे मील कार्यकर्ताओं को सामाजिक सुरक्षा दी जाये। रिटायरमेंट पर 2 लाख रुपये की एकमुश्त राशि बतौर पेंशन दी जाये। ड्रेस के 600 रुपये की बजाय 1500 रुपये सालाना किये जायें। 15 बच्चों पर एक मिड डे मील कर्मी की नियुक्ति की जाये। किसी भी मिड डे मील कर्मी को बच्चों की कमी के बहाने नहीं हटाया जाये। मिड डे मील कार्यकर्ताओं से स्कूल के रसोई घर से संबंधित काम के अलावा अन्य कोई कार्य जबरन नहीं करवाया जाये।

यूनियन का निर्णय है कि अगर सरकार ने प्रदेश की मिड डे मील कर्मियों को 26 अप्रैल तक पिछले 6 माह के बकाया मानदेय का भुगतान नहीं किया गया, तो मिड डे मील कार्यकर्ता यूनियन हरियाणा 27 अप्रैल से जोरदार आंदोलन शुरू करने के लिए बाध्य होगी। आंदोलन के क्रम में 27 अप्रैल को जिला स्तर पर धरने-प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे, एक मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को हक के लिए संघर्ष के दिन के रूप में मनाया जाएगा।

RELATED ARTICLES

Leave a reply

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular