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NEET Result के बाद अब सबकी निगाहें कटऑफ पर, क्या मिलेगा MBBS में एडमिशन?

NEET Result: NEET 2025 का रिजल्ट 14 जून को जैसे ही आया लाखों छात्रों की धड़कनें तेज हो गईं। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि किस मार्क्स पर सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिलेगा। लाखों छात्रों ने पूरे साल मेहनत की थी लेकिन अब वो मेहनत इस पर निर्भर करती है कि उनकी कटऑफ के ऊपर रैंक बनती है या नहीं। हर कोई अपने मार्क्स के आधार पर यह जानना चाहता है कि उन्हें सरकारी MBBS सीट मिलेगी या नहीं। खासकर जिन छात्रों ने 550 से ज्यादा अंक लाए हैं उनकी उम्मीदें और भी ज्यादा हैं।

क्या होता है NEET क्वालिफाइंग कटऑफ

NEET में दो तरह की कटऑफ होती है। पहली होती है क्वालिफाइंग कटऑफ यानी जो न्यूनतम अंक एक छात्र को लाने होते हैं ताकि वह काउंसलिंग में शामिल हो सके। जनरल और EWS कैटेगरी के लिए यह कटऑफ 50वां परसेंटाइल होता है और इस बार यह 160 से 720 के बीच रहने की उम्मीद है। वहीं OBC, SC और ST के लिए यह 40वां परसेंटाइल होता है यानी करीब 125 से 159 अंक वालों को भी काउंसलिंग में बैठने का मौका मिल सकता है। लेकिन सिर्फ क्वालिफाइ करना काफी नहीं होता क्योंकि सरकारी कॉलेज की सीट पाने के लिए असली जंग तो कटऑफ स्कोर पर होती है।

NEET Result के बाद अब सबकी निगाहें कटऑफ पर, क्या मिलेगा MBBS में एडमिशन?

सरकारी कॉलेज में दाखिले के लिए कितने अंक चाहिए

अब बात करें असली कटऑफ की यानी सरकारी MBBS सीट पाने के लिए कितने नंबर जरूरी हैं। अगर आप ऑल इंडिया कोटा से सीट चाहते हैं तो जनरल और EWS कैटेगरी के छात्रों को 620 से 680 या उससे ज्यादा अंक लाने होंगे। OBC वर्ग के लिए यह स्कोर करीब 590 से 610 तक हो सकता है। वहीं SC-ST वर्ग के लिए 520 से 550 के बीच अंक लाकर भी सीट मिलने की उम्मीद बन सकती है। राज्य कोटे में थोड़ी राहत होती है। जैसे जनरल वर्ग के छात्र 570 से 620 अंकों पर भी सीट पा सकते हैं। OBC के लिए 550 से 590 और SC-ST छात्रों के लिए 420 से 490 अंकों पर भी गवर्नमेंट कॉलेज में दाखिला मिल सकता है।

कटऑफ को कौन-कौन सी चीजें प्रभावित करती हैं

हर साल NEET की कटऑफ अलग होती है और इसके पीछे कई कारण होते हैं। सबसे पहली बात तो पेपर का लेवल है। अगर पेपर मुश्किल होता है तो कटऑफ नीचे जाती है। दूसरी चीज है सीटों की संख्या। अगर सरकार MBBS और BDS की सीटें बढ़ाती है तो ज्यादा छात्रों को फायदा मिलता है। इसके अलावा इस बार की बात करें तो लगभग 22 लाख छात्रों ने परीक्षा दी थी और करीब 12 लाख पास हुए हैं। यूपी, महाराष्ट्र और राजस्थान से सबसे ज्यादा क्वालिफाई करने वाले छात्र निकले हैं। यूपी से 3.3 लाख में से 1.7 लाख पास हुए। महाराष्ट्र से 2.4 लाख में से 1.2 लाख छात्रों ने क्वालिफाई किया। ऐसे में इन राज्यों की कटऑफ भी ऊपर जा सकती है। कुल मिलाकर अब सबकी नजरें काउंसलिंग और सरकारी कॉलेजों में सीट मिलने की उम्मीद पर टिकी हैं।

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