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Caterpillar fungus: आधी कीड़ा आधी जड़ी कैसे बनी ये हिमालय की जड़ी बूटियों की रानी जानिए इसका रहस्य

Caterpillar fungus: जैसे जैसे इंसान की उम्र बढ़ती है वैसे वैसे शरीर में बुढ़ापा दिखने लगता है। यह एक ऐसा सच है जिसे कोई नकार नहीं सकता लेकिन इसे रोका या कम जरूर किया जा सकता है। उम्र बढ़ने के साथ चेहरे की चमक कम होने लगती है शरीर झुकने लगता है और बीमारियों का घर बन जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और शरीर में कमजोरी बढ़ने लगती है। हालांकि अब लोग खुद को जवान बनाए रखने के लिए कई तरीके अपनाने लगे हैं। कोई मेकअप प्रोडक्ट्स और दवाइयों का सहारा ले रहा है तो कोई आयुर्वेद की शरण में जाकर इसका समाधान ढूंढ रहा है।

जानिए उस आयुर्वेदिक चमत्कारी जड़ी-बूटी का नाम

आज हम आपको एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी के बारे में बता रहे हैं जो बुढ़ापे से जुड़ी सारी समस्याओं का रामबाण इलाज है। इस जड़ी का नाम है कीड़ा जड़ी। यह जड़ी पहाड़ी इलाकों के घने जंगलों में पाई जाती है। खास बात यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। उत्तराखंड के लोग इस जड़ी का प्रयोग शरीर को ताकतवर बनाने और बीमारियों को दूर भगाने के लिए करते हैं। यह जड़ी पहाड़ी जीवन का एक जरूरी हिस्सा बन चुकी है।

Caterpillar fungus: आधी कीड़ा आधी जड़ी कैसे बनी ये हिमालय की जड़ी बूटियों की रानी जानिए इसका रहस्य

कीड़ा जड़ी एक अनोखी औषधीय जड़ी-बूटी है जो हिमालय की ऊंची पहाड़ियों में पाई जाती है। इसे इंग्लिश में कैटरपिलर फंगस और तिब्बती भाषा में यारशागुंबा कहा जाता है। यह आधी भाग में कीड़े जैसी दिखती है और आधी भाग में घास जैसी होती है। इसी कारण इसका नाम कीड़ा जड़ी पड़ा है। यह एक मशरूम की तरह होती है जो हापिलस फेब्रिकस नामक पौधे पर उगती है। उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के पिथौरागढ़ और गढ़वाल क्षेत्र के चमोली में यह जड़ी पाई जाती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब बीस लाख रुपये प्रति किलो है। इसे अब ऑनलाइन भी खरीदा जा सकता है।

कौन कौन सी बीमारियों के लिए है यह रामबाण

कीड़ा जड़ी में प्रोटीन पेप्टाइड अमीनो एसिड और विटामिन बी 1 बी 2 और बी 12 जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह शरीर को ताकत देने का काम करती है। इसे कैंसर और किडनी से जुड़ी बीमारियों के इलाज में भी प्रयोग किया जाता है। यह फेफड़े और गुर्दों को मजबूत बनाती है। हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करती है और शरीर में खून की मात्रा बढ़ाती है। यह दमा नपुंसकता पीठ और घुटनों के दर्द कमजोरी और सूजन जैसी समस्याओं में भी असरदार मानी जाती है। यही कारण है कि इसका उपयोग कई आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता है।

बढ़ती उम्र में जब शरीर कमजोर होने लगता है तो कीड़ा जड़ी उसमें नई ऊर्जा भरने का काम करती है। यह न केवल शरीर को अंदर से ताकत देती है बल्कि त्वचा की चमक बनाए रखने में भी मदद करती है। इसके नियमित सेवन से उम्र का असर कम दिखाई देता है। यही वजह है कि आजकल कीड़ा जड़ी को नेचुरल एंटी एजिंग औषधि माना जाने लगा है। यह पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए फायदेमंद है और बिना किसी साइड इफेक्ट के असर करती है।

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