भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में एक बार फिर तनाव गहराता जा रहा है और इसकी सबसे बड़ी वजह बना है जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला। इस हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ एक बड़ा और सख्त फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के साथ किसी भी प्रकार के व्यापार पर रोक लगा दी है। इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही तरह के व्यापार शामिल हैं। इस कदम से पाकिस्तान को बड़ा आर्थिक झटका लग सकता है क्योंकि भारत के साथ उसका जो भी व्यापारिक संपर्क बचा था वह अब पूरी तरह से खत्म हो चुका है।
पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि अब वह पाकिस्तान से न तो सीधे व्यापार करेगा और न ही किसी तीसरे देश या व्यापारिक समूह के जरिए अप्रत्यक्ष व्यापार को मंजूरी दी जाएगी। यानी अब पाकिस्तान के उत्पाद भारत में किसी अन्य देश के माध्यम से भी प्रवेश नहीं कर पाएंगे। यह फैसला आतंकवाद के खिलाफ भारत की कड़ी नीति का हिस्सा है और इससे पाकिस्तान की कमजोर होती अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव यानी जीटीआरआई की रिपोर्ट के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच प्रत्यक्ष व्यापार पहले से ही बहुत कम था लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से तुर्की संयुक्त अरब अमीरात सिंगापुर जैसे देशों के जरिए सालाना करीब 10 अरब डॉलर का व्यापार होता रहा है। अब इस अप्रत्यक्ष व्यापार पर भी पूर्ण विराम लग चुका है। इससे दोनों देशों के बीच किसी भी रूप में होने वाले आयात और निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लग जाएगा।
वाणिज्य मंत्रालय ने इस फैसले को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि पाकिस्तान से सभी वस्तुओं के डायरेक्ट और इनडायरेक्ट निर्यात और आयात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इस फैसले को विदेश व्यापार नीति यानी एफटीपी 2023 में संशोधन कर जोड़ा गया है। विदेश व्यापार महानिदेशालय ने भी स्पष्ट किया कि यह निर्णय राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति के हित में लिया गया है।
पाकिस्तान से अब तक मुख्य रूप से फार्मा उत्पाद फल तिलहन सीमेंट सेंधा नमक और चमड़े का सामान भारत आता था जबकि भारत से पाकिस्तान को दवाइयां जैविक और अजैविक रसायन कपास धागा चीनी मिठाइयां मशीनरी और कृषि उत्पाद भेजे जाते थे। 2019 के पुलवामा आतंकी हमले के बाद से ही इन व्यापारिक संबंधों में भारी गिरावट आई थी जब भारत ने पाकिस्तानी उत्पादों पर 200 फीसदी आयात शुल्क लगाया था।
अब स्थिति यह हो गई है कि भारत और पाकिस्तान के बीच कुल आयात का हिस्सा 0.0001 प्रतिशत से भी कम रह गया था और वह भी पूरी तरह से समाप्त हो गया है। व्यापार बंद होने से भारत अब पाकिस्तान को दवाइयां और चीनी जैसे जरूरी उत्पाद नहीं भेज सकेगा और पाकिस्तान की आम जनता को भी इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
भारत सरकार का यह कदम न केवल एक आर्थिक झटका है बल्कि आतंकवाद के खिलाफ एक रणनीतिक संदेश भी है। अब देखना यह होगा कि पाकिस्तान इस स्थिति से कैसे निपटता है क्योंकि भारत से होने वाले अप्रत्यक्ष व्यापार पर प्रतिबंध से उसके कई छोटे और बड़े व्यापारिक सेक्टर पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
यह निर्णय साबित करता है कि भारत अब आतंकवाद को लेकर किसी भी तरह की नरमी बरतने के मूड में नहीं है और जब बात राष्ट्रीय सुरक्षा की हो तो भारत हर स्तर पर कड़ा रुख अपनाने को तैयार है।