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Jammu and Kashmir: Omar Abdullah का बड़ा खुलासा सिंधु जल समझौता था सबसे बड़ा अन्याय

Jammu and Kashmir: जम्मू कश्मीर के पहल्गाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कदम उठाया है। इस हमले में पाकिस्तान के लिंक सामने आने के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को सस्पेंड कर दिया है। यह फैसला पाकिस्तान को सबक सिखाने के इरादे से लिया गया है। इसके साथ ही भारत ने एक और बड़ा कदम उठाते हुए सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया है और सभी पाकिस्तानी वीजा रद्द कर दिए गए हैं।

सिंधु जल संधि को बताया ‘अन्यायपूर्ण दस्तावेज’

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सिंधु जल संधि पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इस संधि को जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए ‘सबसे अन्यायपूर्ण दस्तावेज’ करार दिया है। उनका कहना है कि वह कभी भी इस संधि के पक्ष में नहीं रहे हैं। उन्होंने श्रीनगर में पर्यटन और व्यापार जगत से जुड़े संगठनों से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए ये बातें कहीं।

Jammu and Kashmir: Omar Abdullah का बड़ा खुलासा सिंधु जल समझौता था सबसे बड़ा अन्याय

उमर अब्दुल्ला बोले हम कभी इसके पक्ष में नहीं थे

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि यह कदम देर से लिया गया है लेकिन यह जरूरी था। उन्होंने साफ कहा कि जम्मू कश्मीर की जनता के लिए यह संधि हमेशा से नुकसानदेह रही है। राज्य की नदियों पर नियंत्रण और पानी के इस्तेमाल के अधिकार इस संधि के तहत सीमित कर दिए गए थे जिससे विकास कार्यों को बार बार बाधा मिली।

सिंधु संधि की सच्चाई और उसका असर

साल 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि हुई थी जिसमें विश्व बैंक की मध्यस्थता रही थी। इस संधि के तहत तीन नदियों का जल पाकिस्तान को और तीन नदियों का जल भारत को दिया गया था लेकिन जम्मू कश्मीर में बहने वाली कई नदियों पर निर्माण और पनबिजली परियोजनाओं में मुश्किलें आईं। स्थानीय लोग और सरकार लंबे समय से इस संधि को खत्म करने की मांग कर रहे थे। अब जब भारत ने इसे निलंबित किया है तो यहां के लोगों में राहत की भावना है।

सीएम ने की अदील हुसैन शाह की सराहना

पहल्गाम आतंकी हमले के दौरान जिस बहादुरी से पोनीवाला सैयद अदील हुसैन शाह ने आतंकियों का सामना किया उसकी तारीफ हर कोई कर रहा है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने उन्हें न केवल कश्मीरियत का प्रतीक बताया बल्कि कहा कि वह कश्मीरी मेहमाननवाजी की असली मिसाल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि अदील और उनके परिवार को सम्मान मिले और उनकी बहादुरी की कहानी आने वाली पीढ़ियों तक पहुंचे।

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