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Yoga To Control Uric Acid: यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए योग से पाएं प्राकृतिक राहत! ये योगासन कम करेंगे यूरिक एसिड

Yoga To Control Uric Acid: जब शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने लगता है तो कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। खासकर जोड़ो में दर्द, सूजन और लाली बढ़ जाती है। इससे चलने-फिरने और बैठने में भी दिक्कत होने लगती है। लंबे समय तक उच्च यूरिक एसिड के कारण शरीर में कई तरह की बीमारियां भी उत्पन्न हो सकती हैं। उच्च यूरिक एसिड का कारण उच्च प्यूरीन सामग्री वाले पदार्थ होते हैं जिन्हें शरीर ठीक से फ़िल्टर और बाहर नहीं निकाल पाता। इस स्थिति में प्यूरीन जोड़ो में जमा होने लगता है, जिसके कारण किडनी की समस्याएं, जोड़ों का दर्द, आर्थराइटिस और गाउट जैसी बीमारियां होने लगती हैं। यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए दवाइयां और घरेलू उपाय होते हैं लेकिन आज हम आपको यूरिक एसिड को प्राकृतिक रूप से कम करने का एक आसान तरीका बताएंगे।

दवाइयों या घरेलू उपायों के बजाय, यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए कुछ विशेष योगासन किए जा सकते हैं। स्वामी रामदेव के अनुसार, कुछ योगासन यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। इन आसनों को रोजाना करने से यूरिक एसिड कम हो सकता है और जोड़ों का दर्द भी कम हो सकता है।

यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए त्रिकोणासन एक बहुत प्रभावी योगासन है। इसे रोजाना कुछ समय तक करने से रक्त संचार बेहतर होता है और शरीर में लचीलापन बढ़ता है। यह योगासन जोड़ों में जकड़न को कम करने में मदद करता है और जोड़ों के दर्द को राहत भी देता है। अगर आप इसे नियमित रूप से करते हैं तो यूरिक एसिड को कम करने में मदद मिल सकती है।

Yoga To Control Uric Acid: यूरिक एसिड कंट्रोल करने के लिए योग से पाएं प्राकृतिक राहत! ये योगासन कम करेंगे यूरिक एसिड

भुजंगासन, जिसे कोबरा पोज़ भी कहा जाता है, उच्च यूरिक एसिड को कम करने के लिए बहुत लाभकारी है। यह आसन शरीर में लचीलापन लाने और शरीर को मजबूत बनाने में मदद करता है। भुजंगासन से यूरिक एसिड कम होता है और जोड़ों के दर्द में भी राहत मिलती है। इसके साथ ही यह शरीर में जमा हुए विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में भी मदद करता है।

शलभासन को घासफूस पोज़ भी कहा जाता है। यह आसन यूरिक एसिड को कम करने में सहायक है। शलभासन को करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और शरीर में जमा हुए विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं। यह योगासन मेटाबोलिज्म को भी बेहतर बनाता है और यूरिक एसिड को नियंत्रित करता है। अगर आप इसे रोजाना करते हैं तो यूरिक एसिड का स्तर कम हो सकता है।

पवनमुक्तासन योगासन स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसे रोजाना करने से यूरिक एसिड कम हो सकता है। यह पाचन तंत्र को बेहतर बनाता है और शरीर को डिटॉक्स करता है। पवनमुक्तासन शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है और यूरिक एसिड को कम करता है। अगर आप इसे नियमित रूप से करते हैं तो आपके शरीर में जमा हुआ यूरिक एसिड कम हो सकता है।

उच्च यूरिक एसिड वाले मरीजों को अर्ध मत्स्येन्द्रासन जरूर करना चाहिए। यह आसन किडनी और लिवर को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है। इसके अलावा यह पाचन तंत्र को सुधारता है और शरीर में जमा हुए खराब पदार्थों को बाहर निकालता है। अर्ध मत्स्येन्द्रासन शरीर को डिटॉक्स करता है और यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसे रोजाना करने से यूरिक एसिड का स्तर सामान्य हो सकता है।

यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए योगासन एक प्रभावी और प्राकृतिक तरीका हो सकता है। अगर आप इन आसनों को नियमित रूप से करते हैं तो यूरिक एसिड को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके साथ ही आप अपने शरीर को भी स्वस्थ और फिट बना सकते हैं। योग से केवल यूरिक एसिड ही नहीं, बल्कि आपकी पूरी सेहत को लाभ हो सकता है।

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