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लोगो को पंगु बना रही शिवराज सरकार

लोगो को पंगु बना रही शिवराज सरकार

सुशील उचबगले की रिपोर्ट

गोरेघाट

इन दिनों पूरे प्रदेशों में सरकार लोगो को फुकट में बाट कर लोगों को पंगु बना रही है आज किसी को भी कोई काम करने की जरूरत ही नही है सरकार इतना फ्री बाट रही है की कुछ काम की जरूरत ही नही है जबकि प्रदेश कर्ज में डब रहा है इसकी चिंता सरकार को नही है आखिर कब तक ऐसा चलेगा । सरकार अपनी वाह वाही के चक्कर में प्रदेश को खाली कर रही है जबकि सरकार को फ्री में राशन और फ्री में पैसा बाटने की बजाय युवाओं को रोजगार दे, युवाओं को नौकरी दे ताकि वे अपने परिवार को अच्छे से अच्छा पाल सके लेकिन जिस हिसाब से शिवराज सरकार फ्री में बिजली, फ्री में राशन, फ्री में लाडली बहना को जो पैसा बाट रही है येसे में कैसे चलेगी युवा पीढ़ी । युवाओं को रोजगार देने आपके पास खजाना खाली है फिर ये फ्री में बाटने कहा से आ रहा है आखिर क्या चाहती है सरकार।आज गांवों में खेती करने और कोई काम करने कोई लोग नही मिल रहे है सारा दिन खाली पीली पान दुकान तो कहीं फालतू बैठे टाइम पास कर रहें है मगर कोई काम करने तैयार नही है यहां तक कि लोगों ने घर काम करने तक नहीं जा रहे है अगर ऐसा चलते रहा तो वो दिन दूर नही की लोग सिर्फ सिर्फ पंगु बनके रह जायेंगे और बाद में किसी काम के नही रह जायेंगे। शिवराज सरकार को जमीनी स्तर पर जाकर सर्वे करना चाहिए की जो भी फ्री में बाटने की योजना चल रही है वो कितनी कारगीर साबित हो रही है। जो राशन फ्री में बाट रही है उसे तो लोग घर भी नही ले जा रहे है बिचौले वहीं खरीदी कर रहे है और जनता वही बेच कर मोटी रकम कमा रही है। इससे तो अच्छा है की राशन मत दो उसी के बदले उस परिवार को फ्री में शिक्षा दो ताकि आने वाला समय उनके लिए अच्छा हो और उनका भविष्य बन सके। सरकार जितना भी कुछ फ्री में दे दे लेकिन जनता उसका महत्व नही समझ रही है और उनकी आदत इतनी बिगड़ जाएगी की कुछ दिनो में सामने खाने की थाली रहने के बाद भी खाना मुश्किल हो जायेगा लोग यही सोचेंगे की सरकार ने थाली दी है तो मुंह में भी डालेगी ही। बहुत ही दुखद है की जहा सरकार को प्रदेश को युवाओं को इतना मजबूत बनाए की देश का भविष्य अच्छा हो सके लेकिन गरीब तबके के लोग अब फ्री में खाने से और गरीब हो रहे है।

पंचायत के काम में कोई नहीं आ रहा

ग्राम पंचायत गोरेघाट जहा की आबादी लगभग 5000 की है इस पांच हजार की आबादी में कोई आदमी मजदूर कार्य करने तैयार नही है जबकि पंचायत में नाली सफाई, तालाब सफाई, नाला सफाई सारे कार्य में महिलाएं जा रही है मगर मजदूर आदमी कोई कार्य नहीं कर रहा है। अब जब महिलाओ को लाडली बहना के जब 3000 रु मुफ्त के मिलेंगे तो आखिर क्यू कार्य करने जायेगी क्या चाहती है सरकार ये समझ से परे है। सरकार की कई येसी योजनाएं है जो ठंडे बास्टेबम पड़ी है जो सही ढंग से क्रियान्वित नही है एक योजना अच्छे से चलती नही तो दूसरी योजना तैयार हो जाती है । साफ भविष्य दिख रहा है वो समय दूर नही जब बेरोजगारी बड़ेगी और लोग पंगु बन जायेंगे।

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