Arjun Ram Meghwal: समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर लगे एक पोस्टर ने सियासत में नया तूफान खड़ा कर दिया है। इस पोस्टर में एसपी प्रमुख अखिलेश यादव की तुलना बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर से की गई है। पोस्टर में बाबा साहेब का आधा चेहरा और आधा चेहरा अखिलेश यादव का दिखाया गया है। इसे देखकर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सिर्फ दलित वोटों को लुभाने की एक साजिश है और इसमें कोई वैचारिक समानता नहीं है।
अर्जुन राम मेघवाल का सीधा हमला
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने साफ तौर पर कहा कि यह तुलना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने कहा कि यह लोग बाबा साहेब के विचारों को समझे बिना उन्हें केवल एक चेहरा बना कर इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने बाबा साहेब को हराने का काम किया था। कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण का विरोध किया था और आज अखिलेश यादव उसी कांग्रेस के साथ गठबंधन कर बैठे हैं। ऐसे में यह दावा कि वे बाबा साहेब जैसे हैं पूरी तरह से झूठ है और एक प्रकार का अपमान है।
#WATCH | Delhi | "… Akhilesh Yadav and his family members have been advocates of OBC reservation. But if anybody staunchly opposed the OBC reservation, it was Rajiv Gandhi who gave a lengthy speech that ran for more than 2 hours in the Lok Sabha. Akhilesh is allied with the… pic.twitter.com/K7G40tcKbe
— ANI (@ANI) April 30, 2025
नेताओं के पाकिस्तान से जुड़े बयान पर भी निशाना
अर्जुन राम मेघवाल ने समाजवादी पार्टी के साथ कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता ऐसे बयान दे रहे हैं जो पाकिस्तान में चर्चित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने इस पर सिर्फ एक चिट्ठी लिख दी और कहा कि सोचेंगे। लेकिन यह समय सोचने का नहीं है। कांग्रेस दोहरी बातें कर रही है। एक तरफ कहती है कि देश के साथ है और दूसरी तरफ बयान ऐसे देती है जिससे पाकिस्तान को फायदा होता है। यह भारत की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है।
अखिलेश यादव के कार्यकाल पर गंभीर आरोप
अर्जुन राम मेघवाल ने अखिलेश यादव के मुख्यमंत्री काल को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि अगर कोई ओबीसी आरक्षण का विरोधी रहा है तो वह कांग्रेस रही है और आज अखिलेश उन्हीं के साथ खड़े हैं। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि जब यूपीए-2 सरकार के दौरान प्रमोशन में आरक्षण को लेकर बिल पास हो रहा था तो समाजवादी पार्टी के ही सांसद ने लोकसभा में वह बिल फाड़ दिया था। इसके अलावा जब अखिलेश मुख्यमंत्री थे तब कई ओबीसी समुदाय के इंजीनियरों को डिमोट कर दिया गया था। यह सब तथ्य जनता को नहीं भूले हैं।
नेतृत्व या परिवारवाद का चेहरा
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बाबा साहेब ने जो रास्ता दिखाया वह सामाजिक न्याय और समावेशिता का था जबकि समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों परिवारवाद की राजनीति में उलझी हुई हैं। अखिलेश यादव की राजनीति पूरी तरह से वंशवाद पर आधारित है और इसमें बाबा साहेब जैसी सोच की कोई झलक नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सब दिखावे के पोस्टर हैं और जनता अब भ्रमित नहीं होने वाली। हरियाणा और महाराष्ट्र में इनका भ्रम टूट चुका है और जनता को सच्चाई समझ में आ गई है।